Sunday, October 25, 2009

एक सुहाना सफर...

आज कल कुछ नया सा है, 
लगता है जैसे,
कुछ तो बदला सा है,
नयी सी एक तमन्ना है।

खिंचा जा रहा है ये दिल कहीं,
ना जाने वो पल कहाँ है,
दिखाई नहीं देता है,
या फिर दिखकर भी अनजान सा है।

छू गया है दिल को कोई,
बंद आँखों ने ये जाना है,
खोली जब आँखें तो,
एक नया ख्वाब सा जगा है।

हो रहा है ये जो सब,
शायद पता है मुझे,
पर लग रहा है डर,
कहीं न जान जाएँ सब।

रिश्तों की एक डोर सी है,
प्यारा सा एक बंधन है,
एक एहसास है,
जो एक बार सबको होता है।

झूमने लगा है ये दिल,
या फिर कहीं खो गया है,
कोई ले गया है मेरा दिल,
जो भी है सफ़र बड़ा सुहाना है।