दुनिया में तीन तरह के लोग होते हैं, एक वें जो चाय पीते हैं और दूजे वें जो चाय नहीं पीते, हम उनमें से हैं जिन्हें चाय से इश्क़ तो है पर चाय पीने का शौख कुछ ख़ास नहीं।
बात जब चाय की छिड़ी है तो चलिए थोड़ी चर्चा कर लेते हैं।
किताबों की दुनिया बेहद ही ख़ूबसूरत और आकर्षक होती है और कुछ लेखक ऐसे होते हैं जो किताब के पन्नों पे ज़िन्दगी के उतार चढ़ाव को बेहद ही खूबसूरती से उतारते हैं। इनमे से एक लेखक हैं मुंशी प्रेमचंद। जी हाँ, आज ग़बन से मुलाक़ात हुई और कुछ ही वक़्त में सादग़ी से भी परिचय हो गया।
अब देखने वाली बात है कि ये सादगी ज़िन्दगी के किन किन अनुभवों से मिलवाती है।
- गुंजन