Thursday, September 24, 2009

Beauty - मीठी मीठी बातें ....

मीठी मीठी बातें
हरी भरी शाम
चाय वाय छोड़ो
कहीं चले हम

मीठी मीठी बातें
हरी भरी शाम
चाय वाय छोड़ो
कहीं चले हम


रिमझिम पानी बोले कहानी
रिमझिम पानी बोले कहानी
आओ सुने मिलकर
बूंदों की छम-छम

मीठी मीठी बातें
हरी भरी शाम
चाय वाय छोड़ो
कहीं चले हम

सूनी डगर
बहकी नज़र
कैसे चले हम
हाथ ही कहे
हाथ ही सुने
क्या ये नही कम

सूनी डगर
बहकी नज़र
कैसे चले हम
हाथ ही कहे
हाथ ही सुने
क्या ये नही कम


आंखों से बोले
साँसों में डोले
आंखों से बोले
साँसों में डोले
बैठे रहे साथ युही
भूले हुए गम

मीठी मीठी बातें
हरी भरी शाम
चाय वाय छोड़ो
कहीं चले हम


पेडों तले
शाम ढले
आज बने कल
तुम भी चुनो
हम भी चुने
जाते हुए पल

पेडों तले
शाम ढले
आज बने कल
तुम भी चुनो
हम भी चुने
जाते हुए पल


झिलमिल तारें
लेके नजारे
झिलमिल तारें
लेके नजारे

आने वाले दिन के लिए
सपने बुने हम

मीठी मीठी बातें
हरी भरी शाम
चाय वाय छोड़ो
कहीं चले हम

मीठी मीठी बातें

हरी भरी शाम
चाय वाय छोड़ो
कहीं चले हम।


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