आँखें हैं या झील कि इनमे डूबने का मन करे,
कि देख के उनको बस देखते रहने का मन करे..
करे जब शुरु ये बातें मुझसे ,
कि चुप-चाप होकर बस उसे सुनने का मन करे ..
बाँधे जब ये प्यार की ड़ोर से मुझे ,
कि तेरी ओर खिंचा चले आने का मन करे ..
मुस्कुरायें जब जब ये देख कर मुझे,
कि मेरा भी खिल-खिलाने का मन करे ..
जगमगाते सितारे तेरी आँखों से,
कि उनकी चाँदनी में बस जाने का मन करे ..