मुझसे तू जुदा नहीं होता
क्यूं तू पराया नहीं होता
तेरे पास ही रह जाता है मेरा सब
बस इक तू मेरे साथ नहीं होता
मिलोगे तो पूछेंगे तुमसे
क्यूं हमारा आज
तेरे आज में नहीं होता
वक़्त तो है मेरे पास
बस उसमें तू बेहिसाब नहीं होता
गुज़रे लम्हों की बारिश में
धूप - सा एक वो किस्सा
आज क्यूं सतरंगी बनकर
हमें फिर से नहीं जोड़ता
और कभी कभी..
चुप्पी सी बैठी एक नाव में
इस किनारे से उस किनारे तक
हवा का वो एक झोंका मानो
तुम्हारी सारी बात मुझसे है केह देता
मुझसे तू जुदा नहीं होता
इसलिए तू पराया भी नहीं होता..
- गुन्जन
क्यूं तू पराया नहीं होता
तेरे पास ही रह जाता है मेरा सब
बस इक तू मेरे साथ नहीं होता
मिलोगे तो पूछेंगे तुमसे
क्यूं हमारा आज
तेरे आज में नहीं होता
वक़्त तो है मेरे पास
बस उसमें तू बेहिसाब नहीं होता
गुज़रे लम्हों की बारिश में
धूप - सा एक वो किस्सा
आज क्यूं सतरंगी बनकर
हमें फिर से नहीं जोड़ता
और कभी कभी..
चुप्पी सी बैठी एक नाव में
इस किनारे से उस किनारे तक
हवा का वो एक झोंका मानो
तुम्हारी सारी बात मुझसे है केह देता
मुझसे तू जुदा नहीं होता
इसलिए तू पराया भी नहीं होता..
- गुन्जन