Wednesday, December 28, 2011

न बोले तुम न मैंने कुछ कहा...

न बोले तुम न मैंने कुछ कहा... कहा...
मगर न जाने ऐसा क्यूँ लगा... लगा...
की धुप में खिला है चाँद, दिन में रात हो गई...
की प्यार की बिना कहे सुने ही बात हो गई...

न बोले तुम न मैंने कुछ कहा... कहा...
मगर न जाने ऐसा क्यूँ लगा... लगा...
की धुप में खिला है चाँद, दिन में रात हो गई...
की प्यार की बिना कहे सुने ही बात हो गई...

बदल रही है ज़िन्दगी, बदल रहे हैं हम,
थिरक रहे न जाने आज क्यूँ मेरे कदम... मेरे कदम...मेरे कदम...
किसी को हो न हो मगर हमे तो है पता..

न बोले तुम न मैंने कुछ कहा... कहा...कहा...
मगर न जाने ऐसा क्यूँ लगा... लगा...लगा...
की धुप में खिला है चाँद, दिन में रात हो गई...
की प्यार की बिना कहे सुने ही बात हो गई...

घुली सी आज साँसों में किसी की सांस है...सांस है...सांस है...
ये कौन आज दिल के मेरे आस-पास है...
ये धीरे धीरे हो रहा है प्यार का नशा...

न बोले तुम न मैंने कुछ कहा... कहा...कहा...कहा...कहा...
मगर न जाने ऐसा क्यूँ लगा... लगा...लगा...लगा...लगा...
की धुप में खिला है चाँद, दिन में रात हो गई...
की प्यार की बिना कहे सुने ही बात हो गई...

ये लग रहा है साड़ी उलझाने सुलझ गई...सुलझ गई...सुलझ गई...
ये धडकनों की बात धड़कने समझ गई...
न बोलिए की बोलने को कुछ नहीं रहा...

न बोले तुम न मैंने कुछ कहा... कहा...
मगर न जाने ऐसा क्यूँ लगा... लगा...
की धुप में खिला है चाँद, दिन में रात हो गई...
की प्यार की बिना कहे सुने ही बात हो गई...

Sunday, September 25, 2011

Yaad hai...

याद है...
वो पुराने दिन,

भाई के पास
राखी के दिन
राखी के साथ
बहना का ख़त आया करता था?

याद है...

उस ख़त में लिखी बातें,
बहना का भाई के लिए प्यार..?

याद है...

जब राखी से ज्यादा
भाई को,
साथ भेजे ख़त का इंतज़ार रहता था..?

वो पुराने दिन,
और उनकी सादगी,
सादगी में लिपटी वो अनोखी मस्ती भरी ताज़गी!!

अब तो बस e-mail आ जाता है,
ख़त की जगह letter आता है!!
जिसमे...
बहन से ज्यादा postman लिख देता है...
लम्बा-चौड़ा address!!

ज़िन्दगी बड़ी plastic होती जा रही है,
कुछ दिन में..
आंसुयों के भी,
sticker आने लगेंगे...

ये दिल अभी भरा नहीं..!!!

अभी न जाओ छोड़ कर..
की.. दिल अभी भरा नहीं..

अभी न जाओ छोड़ कर..
की.. दिल अभी भरा नहीं..

अभी अभी तो आये हो.. अभी अभी तो..
बहार बन के छाये हो..
हवा ज़रा महक तो ले,
ये दिल... ज़रा बहक तो ले..

ये शाम ढल तो ले ज़रा...

ये शाम ढल तो ले ज़रा,
ये दिल संभल तो ले ज़रा..

मैं थोड़ी देर जी तो लूँ,
नशे के धूंट पी तो लूँ..

अभी तो कुछ कहा नहीं,
अभी तो कुछ सुना नहीं..

अधूरी आस छोड़ के,
अधूरी प्यास छोड़ के,
जो रोज़ यूँ ही जाओगे..
तो किस तरह निभाओगे..

बुरा न मानो बात का,
ये प्यार है गिला नहीं..

अभी न जाओ छोड़ कर..
की.. दिल अभी भरा नहीं..

हाँ... ये दिल अभी भरा नहीं..

:)

Wednesday, May 11, 2011

A poem from movie UDAAN.. really good... "Ab bhool gaye hain jutte kahan utare the.."





Chhoti-chhoti chhitrayi yaadein,
bichhi hui hain lamhon ki lawn par,
nange paer unpar chalte-chalte,
itni door chale aaye..
..ki ab bhool gaye hain,
joote kahan utaare the..

Aedi komal thi, jab aaye the,
thodi si naazuk hai abhi bhi,
aur nazuk hi rahegi,
in khatti-meethi yaadon ki shararat..
..jab tak inhe gudgudati rahe..

Sach, bhool gaye hain,
ki joote kahan utaare the,
par lagta hai,
ab unki zaroorat nahi...

kaun hai "wo"? -- boojho to jaane? :)


har roz ki tarah,
wo door jaa raha tha,
aisa laga maano,
agle hi pal nahi dikhega..

gaadi manzil ki aur thi,
aur un janab ko jaate hui bhi masti soojhi,
chhote se bachhe jaise taakh-jhaank kar raha tha,
humare saath lukka-chhippi khel raha tha..

par! use to jana hi tha,
kuchh der jee behlaya,
kuchh der aur saath nibhaya,
aur... aur gayab!!!

jaate jaate alvida nahi kaha,
par agle din aane ka ishara kiya,
kal hogi naye din ki shuruwat,
kal fir hogi unse ek aur mulakat...