Saturday, August 1, 2009

यादें KERALA की...!!!




2008 की आखिरी रात,
काटी हमने train में,
खूब हो-हल्ला किया,
CGI के 9 friends ने।

भोर होते ही पहुँच गए COCHIN,
STATION पर उतरे तो मौसम था रंगीन,
सबने किसी तरह से INNOVA में जगह बनाई,
और FIROZ भईया ने KERALA TRIP की राह आसान बनाई।

JOURNEY का था अभी पहला ही दिन,
चश्मों-चिराग पर था PHOTOSESSION,
एक चश्मा था पास हमारे,
सबके चेहरे थे जिसने संवारे।

MARINE-DRIVE पर जा पहुंचे सब,
एक HELICOPTOR को किया 10 बार CAPTURE,
भरी गर्मी के कारण थक गए थे सब,
ICE-CREAM खाते हुए INNOVA की तरफ़ बढे सबके कदम।

पहले दिन का सफर हुआ ख़तम,
भूक लगी तो सबके निकले दम,
जा पहुंचे एक RESTAURANT में,
खाया जहाँ सबने खूब मजे में।

दूसरे दिन COCHIN से निकले MUNNAR के लिए,
ON THE WAY रोकी गाड़ी BREAKFAST के लिए,
खूब जमके किया सबने BREAKFAST,
आलू-पुरी, चाय और COFFEE के साथ।

आगे बढे तो देखते ही रह गए,
नज़ारा था सुंदर TEA बागान का,
चारों तरफ़ हरियाली ही हरियाली,
दिल ले गया ये मौसम MUNNAR का।

थोडी TREKING थोड़ा BUS का सफर,
ले गया हमे SOUTH के PEAK POINT पर,
ऊपर पहुंचे तो ALL IN GREEN & BLUE,
IT WAS THE MOST BEAUTIFUL AND LOVELY VIEW.

OLD MUNNAR में लिए BOATING के मजे,
जहाँ SAJANA और मैंने कुछ STUNT थे किए,
खूब पानी डाला एक-दूसरे पर,
फ़िर चल दिए एक सुनसान घर के तरफ़।

कुछ दोस्तों ने खेला DUMSHRAJ,
कुछ ने लिए TV में ROADIES के मजे,
ठंड बहुत थी ठिठुर रहे थे सब,
गरम-गरम चाय और MAGGI NOUDLES खाए तब।

सुबह हुई... अगला दिन आया,
बहार निकले तो सबको एक ही COMBI... में पाया,
हर तरफ़ थे दो ही COLOR,
WHITE T-SHIRT AND BLUE LOWER.

YELLOW-HOUSE को अलविदा किया,
मन्दिर जाकर किए भगवान् जी के दर्शन,
चाय पी सबने रास्ते में,
एक-दूसरे के साथ किए खूब मजे।

सोचा था हाथी की सवारी के मजे लेंगे,
लेकिन PHOTOS से ही काम चलाना पड़ा,
महंगा लग रहा था बहुत ELEPHANT,
इसलिए मायूस होकर ही आना पड़ा।

कुछ देर बाद पहुंचे एक WATER-FALL पर,
खुश लग रहे थे वहाँ पहुँच कर सब,
खूब TIME SPEND किया पानी में,
ठंडा-ठंडा लग रहा था भरी दोपहरी में।

रात में पहुंचे SAJANA के घर,
दिल खुश हो गया सब को देखकर,
इतना अच्छा WELCOME... इतनी सारी CARE,
मज़ा आ गया सभी लोगों से मिलकर।

सभी लोग पहुंचे फ़िर BEACH पर,
क्या बताऊँ की कैसा था VIEW,
सामने था सिर्फ़ पानी ही पानी,
चाँद बिखेर रहा था अपनी रोशनी,
रोशनी पड़ रही थी पानी पर,
और यहाँ सुकून मिल रहा था दिल को,
इतनी शान्ति में तेज़ आती लहरों का शोर,
आज भी वहाँ जन चाहता है ये दिल,
वहाँ से आने का मन तो नही था,
क्यूंकि रात हो गई थी इसलिए आना पड़ा।

अगला दिन आया,
खूब जमके आलू और पूरी खाया,
जहाँ से इतना सारा प्यार पाया,
उन्ही सब लोगों को छोड़ने का समय आया।

यही था हमारा KERALA का सफर,
जहाँ हमने बहुत कुछ देखा बहुत कुछ पाया,
जहाँ से आने के बाद,
बड़ी मुश्किल से BANGALORE में दिल लगाया।

4 comments:

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  2. mann ko bhaa gaya aapka nazraana ab mann karta hai life mein ek baar kereala ko jaroor dekhkar aana

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  3. kaffi mahino se tha soch raha kerla dekha jaye, aapne aisa dikhay nazraana k ab tho ek pal bhi na raha jaye


    outstanding

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