Saturday, April 20, 2013

A wish ...



बड़ी हसरत है पूरा एक दिन, इक बार मैं
अपने लिये रख लूं

तुम्हारे साथ पूरा एक दिन, बस खर्च करने कि तमन्ना है!! 




-- Lines from Gulzar's Poem 





रीढ़ - Reedh - One of the most inspiring poems..



Conversation of a student with his old time teacher after long time..


"सर, मुझे पहचाना क्या?"
बारिश में कोई आ गया
कपड़े थे मुचड़े हुए और बाल सब भीगे हुए

पल को बैठा, फिर हँसा, और बोला ऊपर देखकर

"गंगा मैया आई थीं, मेहमान होकर
कुटिया में रह कर गईं!
माइके आई हुई लड़की की मानिन्द
चारों दीवारों पर नाची
खाली हाथ अब जाती कैसे?
खैर से, पत्नी बची है
दीवार चूरा हो गई, चूल्हा बुझा,
जो था, नहीं था, सब गया!

"’प्रसाद में पलकों के नीचे चार क़तरे रख गई है पानी के!
मेरी औरत और मैं, सर, लड़ रहे हैं
मिट्टी कीचड़ फेंक कर,
दीवार उठा कर आ रहा हूं!"

जेब की जानिब गया था हाथ, कि हँस कर उठा वो...

’न न’, न पैसे नहीं सर,
यूंही अकेला लग रहा था
घर तो टूटा, रीढ़ की हड्डी नहीं टूटी मेरी...
हाथ रखिये पीठ पर और इतना कहिये कि लड़ो... बस!"




 


Reedh (Original Title Kanaa)
Original Marathi Poem : Kusumagraj
Translated by Gulzar








Thursday, April 11, 2013

Oh! A century!! :)




Just noticed.. 



100 posts !! 


Yipppiiieeee :) :) :)







O' it can't be better that this !!


Tried to write the lyrics - not sure if all the words are correct :)

 

O' luk-chhip na jao ji
O' menne deed karao ji
re kyun tarsaawe ho
O' menne sakal dikhao ji

thaari saraarat sab jaanu main chawdhary
mhaare se leyo na penga ji main kehn lage


 

Mhare hiwda me jaagi dhokni
re chanda main thari chandni
mhare damann me bhaagi khushi
re jhoom jhoom jhooomna


o Mhare hiwda me jaagi dhokni
re chanda main thari chandni
mhare damann me bhaagi khushi
re jhoom jhoom jhooomna



 


mohraliya tune aisa khela daanv
khaawe hichkole mhare mann ki naaw


thaari saraarat sab jaanu main chawdhary
mhaare se leyo na penga ji main kehn lage

o Mhare hiwda me jaagi dhokni
re chanda main thari chandni
mhare damann me bhaagi khushi
re jhoom jhoom jhooomna


o Mhare hiwda me jaagi dhokni
re chanda main thari chandni
mhare damann me bhaagi khushi
re jhoom jhoom jhooomna


Daal-baati khaale aake.. mhaare gaanw
ghanaa ghee lagana zara chaukha chadha ----


Daal-baati khaale aake.. mhaare gaanw
ghanaa ghee lagana zara chaukha chadha ----

 

thaari saraarat sab jaanu main chawdhary
mhaare se leyo na penga ji main kehn lage

 

O Mhare hiwda me jaagi dhokni
re chanda main thari chandni
mhare damann me bhaagi khushi
re jhoom jhoom jhooomna





beautifully composed ... hatts off to all the artists :)







Wednesday, April 10, 2013

मेरे मेहरबान ..



मेहरबान … मेरे मेहरबान ..

मेरे लिए तो ..
इक तू ही है .. ओ मेरे मेहरबान ..
मेरे मेहरबान ..


तुझे ना देखूँ 
तो मुझे .. अब सुकून है कहाँ ..
ओ मेरे राज़दार .. मेरे राज़दार  ..


मेरा नशा .. मेरी सदा ..
तू ही .. मेरा जहाँ ..
तू ही तो है .. आशियाँ ..
तू ही तो है .. आशियाँ ..


मेरे लिए तो ..
इक तू ही है .. ओ मेरे मेहरबान ..
मेरे मेहरबान ..







Tuesday, April 9, 2013

Raat Mujhe ...




रात मुझे ये कह के चिढाये 
तारों से भरी मैं .. तू है अकेली हाय!!
तानों से मैं जली जली जाऊँ 
आज रुको .. तो बलिजाऊं 


क्या कहुं ? बोलो ना ..
क्या  सुनूँ ? बोलो ना ..

रातों की हरकतों को तुम भी समझो ना 
बातों की हरकतों को तुम भी समझो ना
शैतानियाँ .. ये रोज़ दिखाए 
ऐसा कुछ करो .. कि रात लज्जाये 


रात मुझे ये कह के चिढाये
तारों से भरी मैं .. तू है अकेली हाय ..


क्या कहुं ? बोलो ना ..
क्या  सुनूँ ? बोलो ना ..

इस दिल की करवटों को तुम भी समझो ना 
साँसों की हसरतों को तुम भी समझो ना 
बेताबियाँ .. रात जगाये 
ऐसा कुछ करो .. कि होश उड़ जाए 


रात मुझे ये कह के चिढाये
तारों से भरी मैं .. तू है अकेली हाय ..
कहदो इसे .. ये न इतराए 
कल जो आये .. तो सर को झुकाए 

रात मुझे ....







-- beautifully sung by Shreya Ghoshal :)







बस मैं और तू . .



दिया धक्का रात को और हो गई सुबह 
नखरीली ओस को भी  है लिया मना 


छूटी जो बात थी, कर ली है फिर शुरू 
रस्ते भी हस रहे जो हैं चले . . 
. . बस मैं और तू !!


सोच ना जो कल हुआ
सोच ना क्या होगा कल 
बहने दे बे-फिकर बे-परवाह ये सारे पल 


चाय में बिस्कुट डूबा 
बारिश से बून्दे चुरा 
औरों की ना सोच तू, आजा चले . .
. . यूँ मैं और तू!!





--  Loved the song :) from a movie called "Akaash Vani" 






Monday, April 8, 2013

यूँही चल...



यूँही चल तू कहीं 
मुझको लेके 
चल तू कहीं 


यूँही चल तू कहीं 
मुझको लेके 
चल तू कहीं 


तेरे संग अच्छा लगे 
मुझे हर सफ़र मेरी ज़िन्दगी 
तेरे संग सच्ची लगे 
तेरी हर बात अनकही 


यूँही चल तू कहीं 
मुझको लेके 
चल तू कहीं 


तुझसे है मेरी ये साँसे 
तुझसे जुड़े पलछिन सभी 
तुझसे है मेरे सब अरमान 
तू ही जान जानम मेरी 


यूँही चल तू कहीं 
मुझको लेके 
चल तू कहीं 


तेरे बिन तरसे ये जिया 
तेरा हुआ दिल ये मेरा 
तू ही है मेरी दुआ 
तेरा ही सब कुछ मेरा 


यूँही चल तू कहीं 
मुझको लेके 
चल तू कहीं 











तू क्यों उदास है?


ऐ दिल! तू क्यों उदास है?
कुछ तो बता,
क्या इसकी वजह ख़ास है?


किस ने तुझे सताया है?
तू क्यूँ इतना मुरझाया है?


हाल-ए-दिल तू कह तो सही,
तेरे साथ तेरा हमसाया है… 


क्यूँ इतना तू चुप है आज,
किसने तुझे यूँ रुलाया है?


तू कहे तो चल घूम आ कहीं,
तेरे साथ तेरा हमसाया है…  


ऐ दिल! तू क्यों उदास है?
कुछ तो बता,
क्या इसकी वजह ख़ास है?


छोड़ ना! तू क्यों उदास है?
तू खुश रह,
मेरी तुझसे दरख्वास्त है!












Sunday, April 7, 2013

Who Cares !!!! :-(





. . . .
. . . .
. . . .
. . . .
. . . .









Thursday, April 4, 2013

बारिश की बूँदें अक्सर ...




बारिश की बूँदें अक्सर
मुझे मुस्कान दे जाती हैं
कुछ अपनों के साथ
गुज़रे पल याद कराती है
पत्तों से टपकती बूंदे 
सड़क पर पड़े पानी में
अक्सर डूबा करती है
डूब कर जैसे वो
घुलमिल जाती है
उससे मुझे मेरा
बचपन याद कराती है
झिलमिल झिलमिल
सी बरसात
जैसे मुझे अपने
पास बुलाती है
भीग जाऊं मैं उसमें
धीमे से कह जाती है
जीत जाऊँ आज ही उसे
मुझे में एहसास जगाती है
दो पल का संग देकर
खुशियों से आँचल
मेरा भर जाती है
बूंदे जब छलकती हैं
बहुत प्यारी लगती हैं
टिमटिमाती रौशनी में
नया ख्वाब सा
सजाती है
कभी तन्हाई में
साथ देती हैं
फिर महफ़िल में
रंग भर देती है
एक प्याला चाय
हो जाए
हर दिल में
ये उमंग भर देती है
नए सपने सजाती है 
कुछ अपने बनाती है
उन अपनो के साथ
फिर कुछ नए पल 
बनाती है
लम्हों को कुछ
हसीन सा रुख दे जाती है
तुमसे मैं क्या कहुं
ख़ामोशी जब सब कुछ
कह जाती है
तेरा भीगा सा चेहरा
बालों से टपकती
वो छोटी छोटी बून्दे
ठण्ड में तेरा 
काँपता सा बदन
कुछ इशारे-बाजी करती हुई
प्यार भरी तेरी नज़र
यूँ तो नज़र-अंदाज़
नहीं कर सकती मैं
यूँ तन्हा नहीं कर सकती
ये महफ़िल
जहाँ बस तू है
तू है तेरे साथ ये बून्दे हैं
बून्दों के लिपटा
मेरा हमसफ़र
मुझे  निहार रहा है
कैसे ना मैं
हार जाऊँ
क्यूँ ना मैं
हार जाऊं
यही तो वो पल है
यही तो मेरी महफ़िल है
यही तो मेरी ज़िन्दगी है
जिसे मैं हर पल
जीना चाहती हूँ
जिसे मैं हर पल
हसना चाहती हूँ
मेरा मन हर पल
तुमसे यही कहना चाहता है
की अब आ जाओ
अब आ भी जाओ
तुम्हे ये हर पल बुलाता है





















भरके दिल में उमंग ...




भरके दिल में उमंग 
एक नया जोश तू जगा 
यूँ न ठहर इक जगह 
हौसलों की उड़ान लिए जा।।



तू कौन ? तेरा नाम क्या ?
तुझे यहाँ जानता है कौन ?
यूँ न सोच में तू पड़ 
बस नए मुकाम बुने जा।।



हाथ थामे तेरा ज़िन्दगी 
तू कर न अब किसी की परवाह 
जीत जा हर वो चीज़ 
जिसे मुक़द्दर ने तेर वास्ते चुना।।










   


Yoga...





... is good for health!!

Yes! I am doing it!

Feels good and fresh!! 

:)






Wednesday, April 3, 2013

सपनों में जान लिए ..




सपनों में जान लिए,
हौसलों की उड़ान लिए ..
.. मंजिल को पहचान दिए -

तू चलता जा ऐ राही ..
.. एक अपना अलग मुकाम लिए।।















those magic words... :)




"main apni saari zindagi
tumhare saath bitaana chaahta hun"



that one line - and you put a move on my heart !!! :)












Monday, April 1, 2013

April Fool ..!




April fool banaya,
to unko gussa aaya,
isme mera kya kasoor, zamaane ka kasoor,
jisne dastoor banaya !!! :)




Bachpan me kitne logo ko bewakoof banaya hai is din ko celebrate karne ke liye, aisi hi kuchh shararat aaj ki, kai saalon ke baad  - though it was not a good one - but a sweet one!! :)



Sorry Doel! But you really made my day today.. chhota sa mazaak to banta tha bhai aaj ke din tumhare saath.. though it was not planned.. but tumhara chehra sahi me dekhne layak tha!! I felt bad too for a moment when I saw your face, but at the end it was all good! :) 



Thanks Doel - for sharing the secret as well !! :)







Bheeg gaya mera mann... !!!




तीखी तीखी नुकीली सी बूँदें,
बहके बहके से बादल उनींदे,
गीत गाती हवा में, गुनगुनाती घटा में,
भीग गया मेरा मन ...


बरसे बरसे रे अम्बर से पानी,
जिसको पी-पीके धरती दीवानी,
खिलखिलाने लगी है, मुस्कुराने लगी है,
भीग गया मेरा मन ...


                                             ...lines from a song by Kailash Kher!!





that's how all the day went today :)
what an amazing day it was !!!


and an amazing drive - first time in rain - though it was short but with those amazing songs it was sweet too :)