रात मुझे ये कह के चिढाये
तारों से भरी मैं .. तू है अकेली हाय!!
तानों से मैं जली जली जाऊँ
आज रुको .. तो बलिजाऊं
क्या कहुं ? बोलो ना ..
क्या सुनूँ ? बोलो ना ..
रातों की हरकतों को तुम भी समझो ना
बातों की हरकतों को तुम भी समझो ना
शैतानियाँ .. ये रोज़ दिखाए
ऐसा कुछ करो .. कि रात लज्जाये
रात मुझे ये कह के चिढाये
तारों से भरी मैं .. तू है अकेली हाय ..
क्या कहुं ? बोलो ना ..
क्या सुनूँ ? बोलो ना ..
इस दिल की करवटों को तुम भी समझो ना
साँसों की हसरतों को तुम भी समझो ना
बेताबियाँ .. रात जगाये
ऐसा कुछ करो .. कि होश उड़ जाए
रात मुझे ये कह के चिढाये
तारों से भरी मैं .. तू है अकेली हाय ..
कहदो इसे .. ये न इतराए
कल जो आये .. तो सर को झुकाए
रात मुझे ....
-- beautifully sung by Shreya Ghoshal :)
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