Wednesday, April 10, 2013

मेरे मेहरबान ..



मेहरबान … मेरे मेहरबान ..

मेरे लिए तो ..
इक तू ही है .. ओ मेरे मेहरबान ..
मेरे मेहरबान ..


तुझे ना देखूँ 
तो मुझे .. अब सुकून है कहाँ ..
ओ मेरे राज़दार .. मेरे राज़दार  ..


मेरा नशा .. मेरी सदा ..
तू ही .. मेरा जहाँ ..
तू ही तो है .. आशियाँ ..
तू ही तो है .. आशियाँ ..


मेरे लिए तो ..
इक तू ही है .. ओ मेरे मेहरबान ..
मेरे मेहरबान ..







No comments:

Post a Comment